-बच्चों से बाल मजदूरी नहीं उन्हें शिक्षित करके कामयाब इंसान बनाएं
-बाल मजदूरी कराने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी करेंगे जागरुक
गुरुग्राम। इसमें कोई दोराय नहीं कि बाल मजदूरी सिर्फ बच्चों का बचपन खराब नहीं करती, बल्कि उन्हें शिक्षा से भी दूर करती है। इससे देश में गरीबी भी बढ़ती है। इसलिए जरूरी है कि हम बाल मजदूरी रोकने को अपने स्तर पर भी काम कर सकते हैं। बच्चों से मजदूरी कराने वाले अभिभावकों को भी जागरुक किया जाएगा। यह बात व्यापार प्रकोष्ठ हरियाणा के संयोजक नवीन गोयल ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आमजन को बाल मजदूरी के प्रति जागरुक करते हुए कही।
वैसे तो सरकार ने बाल मजदूरी से देश को मुक्त करने के लिए कानून भी बनाए हैं, लेकिन लोग खुद ही बाल मजदूरी को बढ़ावा देते हैं। बच्चों के माता-पिता ही उन्हें मजदूरी की तरफ धकेलते हैं। सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन कराने के लिए प्रशासन की भी मुस्तैदी जरूरी है। गुरुग्राम में ही अनेक स्थानों पर बाल मजदूरी खुलकर हो रही है। चाह वह चाय की दुकानें हों या फिर होटल हो, इन स्थानों पर बच्चे काम करते नजर आते हैं।
बाल श्रम को खत्म करने के लिए सबसे पहले हमें अपनी सोच को बदलना होगा। बाल श्रम का अंत करने के लिए सबसे पहले अपने घरों या दफ्तरों में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना चाहिए। आम आदमी को भी बाल मजदूरी के विषय में जागरूक होना चाहिए और अपने समाज में इसे होने से रोकना चाहिए। गरीब माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा की ओर पूरा ध्यान देना चाहिए। हमें उन्हें समझाना चाहिए कि आज सरकार मुफ्त शिक्षा, खाना और कुछ स्कूलों में दवाईयां जैसी चीजों की सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।
सरकार की ओर से बाल श्रम को जड़ से खत्म करने के लिए चाइल्ड लेबर एक्ट बनाया गया है, जिसके तहत कम उम्र के बच्चों से कार्य करवाना दंडनीय अपराध है। देखभाल और संरक्षण कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति बच्चों से मजदूरी करवाता है या फिर उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब समय आ गया है कि हमें इस विषय पर बात करने के साथ-साथ अपनी नैतिक जिम्मेदारियां भी समझनी होंगी। बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना हमारे देश के लिए चुनौती जरूर है, लेकिन इस पर मजबूती से काम करके काफी हद तक रोक लगायी जा सकती है। चुनौती इसलिए है कि बच्चों के माता-पिता ही बच्चों से मजदूरी करवाते हैं। दिन-प्रतिदिन हमारे देश में बाल श्रम बढ़ता जा रहा है। इससे बच्चों का बचपन खराब हो रहा है। बचपन के साथ उनका भविष्य भी खराब हो रही है और देश में गरीबी भी बढऩे का कारण कहीं ना कहीं बाल मजदूरी है। बाल श्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। बाल मजदूरी की समस्या समय के साथ-साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया, तो इससे पूरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है।