-उमंग अस्पताल में आशीर्वाद ब्लड बैंक का किया उद्घाटन
-युवाओं को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए
-कोरोना काल में प्लाज्मा दान में कैनविन फाउंडेशन रही सबसे अग्रणी संस्था
गुरुग्राम। कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक डा. डीपी गोयल ने रविवार को पटौदी रोड स्थित उमंग अस्पताल में आशीर्वाद ब्लड बैंक का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने निरीक्षण किया। वहां पर एडवांस मशीनों द्वारा ब्लड बैंक का संचालन करने की उन्होंने सराहना की। इस दौरान रक्त दान शिविर भी लगाया गया। इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक अनूप सिंह, चेयरमैन करन, पैथोलॉजी एमडी डा. बलिंद्र सिंह सोढ़ी, टेक्नीकल आफिसर धर्मबीर सिंह, सुपरवाइजर जयभगवान सैनी, कर्नल अनिल दूहन, सरवन गुप्ता समेत काफी संख्या में स्टाफ मौजूद रहा।
अपने संबोधन में डा. डीपी गोयल ने कहा कि कैनविन फाउंडेशन के माध्यम से रक्त दान का कार्य निरंतर जारी रहता है। कोरोना काल हो या उससे पहले या बाद का समय, कैनविन से जुड़े रक्त दान हर समय दूसरों का जीवन बचाने के लिए रक्त दान करने को तैयार रहता है। उन्होंने कहा कि रक्त का जितना अधिक दान किया जाए, उतना कम है। हर दो सेकेंड में किसी न किसी को खून की जरूरत पड़ती है। प्रतिदिन 38,000 से अधिक रक्त दान की जरूरत होती है। इसलिए हर किसी को रक्तदान को लेकर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत देश में रक्तदाताओं का आंकड़ा कुल आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं है। जिसका एक बड़ा कारण है रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियां और रक्तदान के प्रति जागरुकता का ना होना। उन्होंने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है। युवाओं को अधिक से अधिक रक्तदान करना चाहिए। हर युवा रक्त दान करके इसका ब्रांड एम्बेसडर बनें।
डा. डीपी गोयल ने कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। इंसान को इंसान का ही रक्त चढ़ाया जा सकता है। कृत्रिम रक्त बनाने के प्रयास किये गए हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई कारगर विकल्प नहीं मिला। है। रक्तदान ही एकमात्र उपाय है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो। उसका वजन 45 किलोग्राम या अधिक हो तथा हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर हो, वह रक्तदान कर सकता है। डा. डीपी गोयल ने कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिए हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि उन लोगों की मदद करें, जिन्हें रक्त की आवश्यकता है। रक्तदान करने से आपको चार लाभ होंगे। पहला आपको किसी का जीवन बचाने पर आत्मसंतोष होता है। दूसरा रक्तदान करने से आपके शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। तीसराा शोध से पता चलता है कि रक्तदान करने से रक्तदाता के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित होती है और ह्रदय रोग की संभावना कम हो जाती है। चौथा लाभ यह कि आवश्यकता होने पर आपको स्वयं के लिए या आपके परिवार के किसी सदस्य के लिए रक्तकोष से रक्त लेने में प्राथमिकता दी जाएगी।