लक्ष्य

मुस्कान हो हर लब पर व हर दिल में हो उम्मीद।
हर रात दीवाली हो, हर सुबह हो इक ईद।

अगर मिशन की बात करें तो मेरा मिशन और मेरा विज़न दोनों ही इक दूसरे को पूर्ण करते हैं। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने ऐसे परिवार में जन्म लिया जहां मानव मात्र से प्रेम, हर जीव पर दया और त्याग को धर्म की बात बताई गई। अपने पिता जी को मैंने सदा ही एक सच्चे राष्ट्र भक्त और समाजसेवक के रूप में देखा और उन्हीं की शिक्षा को आत्मसात कर जनसेवा को ही मैंने अपना मिशन माना। वैसे तो जीवनयापन हेतु एक सफल व्यवसायी के रूप में मेरी एक सशक्त पहचान है किंतु समाज के प्रति सेवा का कर्तव्य मेरी तपस्या है। समाज के हर वर्ग को एक साथ लेकर चलना, उनके सुख एवं दुख में भागीदार बनना और उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं के लिए हर संभव प्रयास करना ताकि मेरा कोई भी भाई-बहन मूलभूत आवश्यकताओं और अधिकारों से वंचित न रहे। भोजन, पानी,बिजली, शिक्षा, सेहत और स्वच्छता हर जन तक और हर घर तक पहुंचे, यही मेरे जीवन का उद्देश्य भी है और मेरा लक्ष्य भी, जिसके लिए मेरा हर दिन इसी प्रण के साथ आरम्भ भी होता है और इसी प्रयास के साथ समाप्त भी।