-27 वर्षों से लटके पड़े विधेयक को निर्विवाद किया पास
-अब महिलाओं की राजनीति में बढ़ेगी हिस्सेदारी
गुरुग्राम। महिलाओं को राजनीति में 33 फीसदी आरक्षण देने पर पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा के प्रमुख एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी के प्रदेश सह-संयोजक नवीन गोयल ने कहा कि ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ाया है। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को उचित टिकटें देकर राजनीति में आगे बढ़ाती रही है, अब हर राजनीतिक दल को ऐसा करना होगा। इस विधेयक के बाद अब आगामी चुनावों में महिलाओं की भागीदारी व्यापक पैमाने पर सुनिश्चित होगी। महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
नवीन गोयल ने कहा कि 27 साल से अटके, लटके पड़े विधेयक को बिना किसी विवाद के पास करके मोदी सरकार ने महिलाओं को राजनीति में मजबूत करने का काम किया है। आज हमारे देश व समाज में महिलाएं हर क्षेत्र में मजबूती केसाथ खड़ी हैं। महिलाओं से हमें बहुत उम्मीदें रहती हैं और हर उम्मीद पर वे खरा उतरकर देश का मान बढ़ाती हैं। सेना में, खेल के मैदान में, चिकित्सा जगत में, हवाई जहाज उड़ाने समेत कठिन से कठिन काम करने में महिलाएं अग्रणी भूमिका में रहती हैं। उन्होंने कहा कि दो घरों को संभालते हुए महिलाएं हकीकत में उचित सम्मान की हकदार होती हैं।
अक्सर महिलाओं को राजनीति में ज्यादा आगे नहीं आने दिया जाता। उन्हें पीछे धकेलने का काम किया जाता है। भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं को सदा अग्रणी रखा गया। महिलाओं को आगे बढ़ाया गया। वर्तमान सरकार में वित्त मंत्रालय से जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को महिला निर्मला सीतारमण संभाल रही हैं। इसके अलावा भी कई महिलाएं केंद्र में महिलाएं अपने मंत्रालय के माध्यम से योजनाओं का जनता के हित में संचालन कर रही हैं। नवीन गोयल ने कहा कि महिलाओं को समाज में और ज्यादा मजबूती मिले, इसके लिए राजनीति में 33 फीसदी आरक्षण जरूरी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं का यह मर्म समझा और महिलाओं को सम्मान बढ़ाते हुए राजनीति में यह आरक्षण देने के लिए अधिनियम पास कराया। भविष्य में हर राजनीतिक दल को महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलने में कोई पेंच नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि गत लोकसभा चुनाव के समय जो मतदाता सूची जारी हुई थी, उसमें महिला वोटरों की संख्या 43.2 करोड़ थी। 46.8 करोड़ पुरुष मतदाता थे। 17वीं लोकसभा में देश भर से 78 महिला सांसद जीत कर संसद में पहुंची थी। संसद में महिलाओं की उपस्थिति 14.36 प्रतिशत है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 62 महिलाओं ने जीत दर्ज कराई थी। वर्ष 1951 की लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 5 प्रतिशत था।