स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं के भीतर क्रांति पैदा की: डा. डी.पी. गोयल
सदियों तक प्रेरणा स्रोत रहेंगे स्वामी विवेकानंद जी: नवीन गोयल

-सदियों तक प्रेरणा स्रोत रहेंगे स्वामी विवेकानंद जी: नवीन गोयल
-स्वामी जी के विचार हर किसी के लिए उपयोगी: डा. सुशील मेहता
-सेक्टर-17 माधव भवन में एबीवीपी ने मनायी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती

गुरुग्राम। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को सेक्टर-17 स्थित माधव भवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह मनाया गया। इस अवसर पर रेलवे सलाहकार बोर्ड के सदस्य डा. डी.पी. गोयल, पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा के प्रमुख एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी के प्रदेश सह-संयोजक नवीन गोयल मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. सुशील मेहता ने की। उनका यहां सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में एबीवीपी महानगर मंत्री गुरुग्राम अर्पित मित्तल, गुरुग्राम महानगर अध्यक्षा डा. योगिता राघव, गुरुग्राम विभाग संगठन मंत्री करण पनिहारी समेत अनेक युवाओं ने शिरकत की।
अपने संबोधन में डा. डी.पी. गोयल ने कहा कि कहा कि स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने युवाओं को हमेशा अपने राष्ट्र प्रति कर्तव्यनिष्ठ होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

उनके द्वारा कही गई प्रेरणादायी बातों को आज भी हम सब अपने जीवन में किसी न किसी रूप में उपयोग करते हैं। उन्होंने प्रेरणा देते हुए कहा था कि-उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। स्वामी विवेकानंद के ऐसे विचारों से लोगों और विशेषकर युवाओं के भीतर क्रांति पैदा होती है। स्वामी विवेकानंद ने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। डा. डी.पी. गोयल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद समाज सुधारक और सेवक होने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु भी थे, जिन्होंने देश-दुनिया को धर्म व अध्यात्म का पाठ पढ़ाया। उनके द्वारा दिए संदेश और उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गए। वे अपने अधिकतर संदेश और भाषण में युवाओं को संबोधित करते थे। इसलिए उनके विचारों को युवाओं की सफलता का मूल-मंत्र कहा जाता है।

सदियों तक प्रेरणा स्रोत रहेंगे स्वामी विवेकानंद जी: नवीन गोयल

नवीन गोयल ने कहा कि स्वामी जी के जीवन से बेहतर व मूल्यों के साथ जीवन जीने की सीख मिलती है। वे सदियों तक प्रेरणा स्रोत रहेंगेे। स्वामी जी ने कहा था कि-जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करते तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते। आपको अंदर से बाहर तक बढऩा होगा। कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई अन्य शिक्षक नहीं है। दिल और दिमाग के बीच टकराव में अपने दिल की सुनें।

स्वामी जी के विचार हर किसी के लिए उपयोगी: डा. सुशील मेहता

स्वामी जी के विचारों को सांझा करते हुए एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. सुशील मेहता ने कहा कि उनके विचार हर व्यक्ति के जीवन के लिए उपयोगी हैं। उन विचारों को जीवन में अपनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा था-वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। न तो खोजो और न ही टालो, जो आता है उसे ले लो। आराम सत्य की परीक्षा नहीं है। सत्य अक्सर सहज होने से कोसों दूर होता है। जो आग हमें गर्म करती है वह हमें भस्म भी कर सकती है। यह आग का दोष नहीं है। कुछ मत पूछो, बदले में कुछ नहीं चाहिए, तुम्हें जो देना है दे दो, यह आपके पास वापस आ जाएगा, लेकिन अभी उसके बारे में मत सोचो। स्वामी विवेकानन्द कहते हैं कि एक समय में एक ही काम करो और ऐसा करते समय बाकी सब को छोडक़र अपनी पूरी आत्मा उसमें लगा दो।