November 1, 2022
–सेना की ओर से मुक्ति वाहिनी में शामिल थे हवलदार करतार सिंह कटारिया
-गुडग़ांव गांव के रहने वाले शहीद हवलदार कटारिया को 51वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
-गुडग़ांव गांव के रहने वाले शहीद हवलदार कटारिया को 51वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
गुरुग्राम। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के नायक रहे शहीद हवलदार करतार सिंह कटारिया की 51वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को उनके पैतृक ग्राम गुडग़ांव गांव में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल समेत पूर्व सैनिकों, समाजसेवियों ने शिरकत की। इस दौरान रामायण पाठ कराकर हवन-यज्ञ भी किया गया।
हवलदार करतार सिंह कटारिया सेकेंड जाट रेजीमेंट में तैनात थे। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध से पूर्व भारतीय सेना की मुक्ति वाहिनी टीम का गठन किया गया था। इसमें हवलदार करतार सिंह को भी शामिल किया गया। एक नवम्बर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध में वीरता के साथ लड़ते हुए हवलदार करतार ङ्क्षसह ने देश के लिए शहादत दी थी। वे अपने पीछे पत्नी श्रीमती सरती देवी व एक बेटी समेत पांच बच्चों को छोड़ गए थे। बड़ी बेटी निर्मला, बेटा कुलदीप कटारिया, बलजीत कटारिया, प्रदीप कटारिया और अमरजीत सिंह कटारिया जब बचपन के दौर से गुजर रहे थे तो पिता का साया उनके सिर से उठ गया। मात्र 30 साल की उम्र में श्रीमती सरती देवी का पति से साथ छूट गया। बच्चों का लालन-पालन उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। फिर भी हिम्मत करके उन्होंने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई। उनकी मेहनत से परिवार को मजबूती मिली। अपने बच्चों को उन्होंने जीवन के पथ पर आगे बढ़ाया। उनका एक बेटा अमरजीत कटारिया सेना में भर्ती हुआ। सेना में 22 साल की सेवाएं देने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृति देकर दिल्ली सरकार में नॉन टीचिंग की नौकरी ज्वाइन की।
वर्ष 2011 में उनके नाम से सड़क का नामकरण किया
शहीद हवलदार करतार सिंह कटारिया के नाम से गुडग़ांव गांव में फायर स्टेशन के सामने की सड़क का उनके नाम से नामकरण किया। समारोह में पहुंचे पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल के समक्ष ग्रामीणों की ओर से सामूहिक मांग रखी गई कि गुडग़ांव गांव के जितने भी शहीद हुए हैं, उनके सबके नाम से सामूहिक गौरव पट्ट, स्मारक का निर्माण कराया जाए। इससे ग्रामीण सभी शहीदों को एक स्थान पर नमन करके उनके जीवन से प्रेरणा ले सकेंगे। आज की पीढ़ी को पूर्वजों के बलिदान का ज्ञान कराना जरूरी है, ताकि वे उनके नक्शे कदम पर चल सकें। नवीन गोयल ने आश्वस्त किया कि गांव की इस मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर इस कार्य के वे सकारात्मक प्रयास करेंंगे। उन्होंने कहा कि शहीद सर्व धर्म और सर्व जातीय होते हैं। उन्होंने हमारे अच्छे भविष्य के लिए अपना बलिदान दिया है। सभी शहीदों को हमें उनके बलिदान दिवस, जन्म जयंती पर स्मरण करना चाहिए।
श्रद्धांजलि सभा में शहीद हवलदार करतार सिंह कटारिया के छोटे भाई सुंदर कटारिया, सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर राजेंद्र कटारिया, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति के अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल, सेवानिवृत सूबेदार कर्मबीर, मनोज गर्ग, अश्वनी, धर्मेंद्र, मुकेश, कृष्ण, सेवानिवृत प्रिंसिपल महा सिंह, सेवानिवृत प्रिङ्क्षसपल जगदीश सिंह ढिल्लो, सेवानिवृत प्रो. श्याम सिंह, सेवानिवृत सूबेदार करतार सिंह सैनी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
हवलदार करतार सिंह कटारिया सेकेंड जाट रेजीमेंट में तैनात थे। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध से पूर्व भारतीय सेना की मुक्ति वाहिनी टीम का गठन किया गया था। इसमें हवलदार करतार सिंह को भी शामिल किया गया। एक नवम्बर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध में वीरता के साथ लड़ते हुए हवलदार करतार ङ्क्षसह ने देश के लिए शहादत दी थी। वे अपने पीछे पत्नी श्रीमती सरती देवी व एक बेटी समेत पांच बच्चों को छोड़ गए थे। बड़ी बेटी निर्मला, बेटा कुलदीप कटारिया, बलजीत कटारिया, प्रदीप कटारिया और अमरजीत सिंह कटारिया जब बचपन के दौर से गुजर रहे थे तो पिता का साया उनके सिर से उठ गया। मात्र 30 साल की उम्र में श्रीमती सरती देवी का पति से साथ छूट गया। बच्चों का लालन-पालन उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। फिर भी हिम्मत करके उन्होंने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई। उनकी मेहनत से परिवार को मजबूती मिली। अपने बच्चों को उन्होंने जीवन के पथ पर आगे बढ़ाया। उनका एक बेटा अमरजीत कटारिया सेना में भर्ती हुआ। सेना में 22 साल की सेवाएं देने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृति देकर दिल्ली सरकार में नॉन टीचिंग की नौकरी ज्वाइन की।
वर्ष 2011 में उनके नाम से सड़क का नामकरण किया
शहीद हवलदार करतार सिंह कटारिया के नाम से गुडग़ांव गांव में फायर स्टेशन के सामने की सड़क का उनके नाम से नामकरण किया। समारोह में पहुंचे पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल के समक्ष ग्रामीणों की ओर से सामूहिक मांग रखी गई कि गुडग़ांव गांव के जितने भी शहीद हुए हैं, उनके सबके नाम से सामूहिक गौरव पट्ट, स्मारक का निर्माण कराया जाए। इससे ग्रामीण सभी शहीदों को एक स्थान पर नमन करके उनके जीवन से प्रेरणा ले सकेंगे। आज की पीढ़ी को पूर्वजों के बलिदान का ज्ञान कराना जरूरी है, ताकि वे उनके नक्शे कदम पर चल सकें। नवीन गोयल ने आश्वस्त किया कि गांव की इस मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर इस कार्य के वे सकारात्मक प्रयास करेंंगे। उन्होंने कहा कि शहीद सर्व धर्म और सर्व जातीय होते हैं। उन्होंने हमारे अच्छे भविष्य के लिए अपना बलिदान दिया है। सभी शहीदों को हमें उनके बलिदान दिवस, जन्म जयंती पर स्मरण करना चाहिए।
श्रद्धांजलि सभा में शहीद हवलदार करतार सिंह कटारिया के छोटे भाई सुंदर कटारिया, सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर राजेंद्र कटारिया, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति के अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल, सेवानिवृत सूबेदार कर्मबीर, मनोज गर्ग, अश्वनी, धर्मेंद्र, मुकेश, कृष्ण, सेवानिवृत प्रिंसिपल महा सिंह, सेवानिवृत प्रिङ्क्षसपल जगदीश सिंह ढिल्लो, सेवानिवृत प्रो. श्याम सिंह, सेवानिवृत सूबेदार करतार सिंह सैनी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।