अग्रोहा धाम में 18 कुण्डीय यज्ञ में गुरुग्राम के अग्र बंधुओं ने दी आहुति
–नवीन गोयल के नेतृत्व में काफी संख्या में श्रद्धालु अग्रोहा पहुंचे
-महाराजा अग्रसेन जी के जीवन से प्रेरणा लेने का दिया संदेश
गुरुग्राम। शक्तिपीठ अग्रोहा धाम में चल रहे 18 कुंडीय महायज्ञ में भाग लेने के लिए गुरुग्राम से काफी संख्या में अग्र समाज के लोग पहुंचे। महाराजा अग्रसेन जी को नमन करने के साथ महालक्ष्मी जी की भी आराधना करके सभी के सुख-शांति की कामना की गई। यह आयोजन अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग के नेतृत्व में किया जा रहा है। महायज्ञ का आयोजन 4 दिसंबर से 8 दिसंबर तक किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल के नेतृत्व में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश उपाध्यक्ष गजेंद्र गुप्ता, समता सिंगला गुरुग्राम महिला अध्यक्ष, महामंत्री आशा गोयल, पीएल अग्रवाल, प्रिंस अग्रवाल समेत अनेक लोग अग्रोहा पहुंचे। नवीन गोयल ने कहा कि महाराजा अग्रसेन जी की नीतियों पर चलकर देश और समाज की सेवा अग्र समाज के लोग कर रहे हैं। यह सेवा की भावना महाराजा अग्रसेन जी द्वारा ही जागृत की गई है। सेवा की इस भावना को अग्र समाज का हर बच्चा, बड़ा, महिला कभी कम नहीं होने देते। श्री गोयल ने कहा कि सभी अग्र बंधुओं का यही प्रयास रहता है कि महाराजा अग्रसेन की नीतियों पर चलते हुए सेवा के क्षेत्र में सबसे आगे रहें। अग्रवंशी महाराजा अग्रसेन त्याग, अहिंसा, शांति तथा समृद्धि के प्रतीक समाजसेवी अवतार थे। उनका जन्म प्रताप नगर के राजा वल्लभ के घर में हुआ। महालक्ष्मी व्रत अनुसार उस वक्त द्वापर युग का अंतिम चरण था। श्री गोयल ने बताया कि महाराज अग्रसेन ने 108 वर्षों तक राज किया था। उन्होंने जिन जीवन मूल्यों को ग्रहण किया उनमें परंपरा एवं प्रयोग का संतुलित सामंजस्य दिखाई देता है। उन्होंने एक ओर हिन्दू धर्म ग्रथों में क्षत्रिय वर्ण के लिए निर्देशित कर्मक्षेत्र को स्वीकार किया और दूसरी ओर देशकाल के परिप्रेक्ष्य में नए आदर्श स्थापित किए।
मान्यता है कि इनका जन्म मर्यादा पुरुषोतम भगवान श्रीराम की 34वंी पीढ़ी में सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल के महाराजा वल्लभ सेन के घर में द्वापर के अन्तिमकाल और कलियुग के प्रारम्भ में आज से 5000 वर्ष पूर्व हुआ था। महाराजा अग्रसेन समाजवाद के प्रवर्तक, युग पुरुष, राम राज्य के समर्थक एवं महादानी थे।