मात्र 6 साल की बेटी आद्या की लिखी पुस्तक ऑलवेज बी युनीक का हुआ लोकार्पण।
एम्बियंस मॉल में एससीईआरटी के उप-निदेशक सुनील बजाज और भाजपा नेता नवीन गोयल ने किया पुस्तक का लोकार्पण।
गुरुग्राम। मात्र 6 साल की बेटी आद्या दुबे द्वारा लिखी गई पहली पुस्तक-ऑलवेज बी यूनीक का शनिवार को यहां एम्बियंस मॉल में लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एससीईआरटी के उप-निदेशक सुनील बजाज व पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने अतिथि के रूप में शिरकत की। आद्या सेक्टर-15 स्थित सालवान स्कूल की छात्रा है। पहली कक्षा की छात्रा आद्या इस पुस्तक को लिखने के साथ इंडिया की यंगेस्ट लेखक बन गई हैं।
पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा कि आद्या दुबे के पुस्तक लिखने जैसे बेहद ही गंभीर विषय पर इतनी गहरी सोच रखने का मतलब भविष्य में देश के लिए एक बहुत बड़ी प्रतिभा का अभी से तैयार होना है। उन्होंने आद्या के माता-पिता नीतीश दूबे व साक्षी दूबे, शिक्षिका आशिमा को भी बधाई दी। आद्या के इस प्रयास से हर बच्चे, बड़े को आद्या से प्रेरणा लेने की बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि गुरुग्राम में चाहे खेल हो, शिक्षा हो, लेखन हो, पेंटिंग हो या कोई और क्षेत्र हो। हर क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ऐसी प्रतिभाओं को निखारने के लिए उचित मंच और मार्गदर्शन मिलना बेहद जरूरी है। गुरुग्राम की प्रतिभाओं को निखारना हमारा ध्येय है। हम सभी के बच्चों में कल के नेता, इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक छिपे हैं। उन्हें उसी तरह की शिक्षा दें, ताकि देश को उनकी शक्ति का भविष्य में लाभ मिल सके।
उप-निदेशक बजाज ने कहा कि जीवन में लक्ष्य और रचनात्मकता बहुत जरूरी है। किसी भी काम को करने के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए, तभी उस काम को पूरा किया जा सकता है। लक्ष्यहीन कार्य हमेशा अधूरे रह जाते हैं। उन्होंने आद्या द्वारा पुस्तक लिखने जैसे कार्य को बेहद ही गंभीर बताते हुए भविष्य में भी उसे अच्छे विषय लेकर लेखन के कार्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने शिक्षकों से भी आह्वान किया है कि वे बच्चों को हर उस ज्ञान से अवगत कराएं, जो आज 21वीं सदी में जरूरी हो गया है। सिर्फ किताबी ज्ञान के सहारे हम बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं कर सकते। उन्हें खेलों से भी जोड़ें। लेखन में भी लाएं। कलात्मकता भी हो।
श्री बजाज ने कहा कि हर काम में रचनात्मकता भी बहुत जरूरी है। बिना कोई रचना किए किसी भी चीज को बेहतरी से प्रस्तुत करना कठिन कार्य है। इसलिए रचनात्मक होना भी जरूरी है। यह हमारी सोच का विकास करता है। इस अवसर पर पुलक अग्रवाल, भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गगन गोयल, भाजपा रिटायर्ड प्रकोष्ठ से बाली पंडित, योगेश शर्मा, राजेश सिंह, धर्मेंद्र शर्मा समेत काफी लोग मौजूद रहे।
विश्व रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी पुस्तक
आद्या की इस पुस्तक के प्रकाशक इंच पेपर प्रा. लिमिटेड के चेयरमैन एवं सीईओ पुलक अग्रवाल ने बताया कि आद्या अब तक की दुनिया की सबसे कम उम्र की लेखक बनी हैं। भारत में कम उम्र में किताब लिखने का रिकॉर्ड आठ साल के बच्चे के नाम है, जबकि विश्व में 14 साल के बच्चे के नाम है। अब आद्या ने इन दोनों रिकॉर्ड को तोड़ा है। जल्द ही इस पुस्तक को रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड व गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा।
पुलक के मुताबिक इस पुस्तक को आइएसबीएन में भी पंजीकृत करवाया गया है। भारत सरकार की ओर से पुस्तक को एक विशेष नंबर जारी किया जाता है। पहले चरण में 5000 पुस्तकें छापी गई हैं। आद्या ने इस पुस्तक में लिखा है कि दुनिया का हर आदमी किसी ने किसी रूप में युनीक होता है। हमें उस पर काम करना चाहिए। अपनी शक्ति को तलाशना चाहिए, ताकि जीवन में उसी के अनुसार दशा और दिशा तय की जा सके।