-जिला अदालत परिसर से मिट्टी के दीये वितरित करके दीपावली की राम-राम अभियान किया शुरू
गुरुग्राम। पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा के प्रमुख एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी के प्रदेश सह-संयोजक नवीन गोयल ने सोमवार से मिट्टी के दीये वितरित करके दीपावली की राम-राम अभियान की शुरुआत की। जिला अदालत परिसर से इस अभियान की शुरुआत के दौरान वकीलों को मिट्टी के दीये वितरित करके पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने का आह्वान किया।
अभियान की शुरुआत पर नवीन गोयल ने कहा कि दीपावली के कुछ ही दिन बाकी हैं। हम सब अपने घरों में सजावट आदि के काम में लगे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात जब वापस अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत लाखों दीप जलाकर किया था। यह परंपरा आज भी कायम है। दीपावलीके दिन सभी घर दीयों से जगमग-जगमग रहते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि घर को साफ-सुथरा रखने से इस दिन मां लक्ष्मी स्वयं घर पधारती हैं। इसलिए दिवाली के दिन हर कोने में दीएं जलने चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल एक से बढक़र एक रंग-बिरंगे बल्ब लगाने का चलन है, लेकिन मिट्टी के दीयों का आज भी कोई जवाब नहीं हैं। मिट्टी के दीयों को सबसे शुद्ध माना जाता है। दीपावली के त्योहार की परंपरा के अनुरूप मिट्टी के दीये ही सर्वमान्य हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ये भारतीयता की खुशबू से भरपूर है। हम सबको इस दीपावली पर अपने घरों को मिट्टी के दीयों से रोशन करना है।
उन्होंने कहा कि मिट्टी के दीये बाजारों में भी खूब मिल रहे हैं। इनकी खरीदारी हमें करनी चाहिए। इससे गरीब तबके के लोगों की रोजी-रोटी भी चलती है। मिट्टी के दीये और मूर्तियां इको फ्रेंडली हैं। इनसे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण विभाग की ओर से पिछले वर्ष भी गुरुग्राम के बाजारों में मिट्टी के दीये वितरित करके इको फ्रेंडली दीपावली मनाने का आग्रह किया गया था। व्यापारी वर्ग ने इस काम में पूर्ण साथ दिया। उन्होंने कहा कि मिट्टी के दीयों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है और मिट्टी के दीयों को महत्व देना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मिट्टी के दीयों का महत्व बढ़ाने के लिए लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने की बात कही। प्रधानमंत्री की ओर से कुम्भकारों को इलेक्ट्रॉनिक चॉक देकर तेज गति से दीये आदि बनाने के लिए सहारा दिया गया।