-नवीन गोयल ने सेक्टर-14 गल्र्स कालेज के प्राचार्य को प्रतिमा लगाने के लिए सौंपा पत्र  

गुरुग्राम। पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने सेक्टर-14 गल्र्स कालेज में देश की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा लगाने की मांग को लेकर शुक्रवार को ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज की महिला प्रदेश अध्यक्ष नीलम सैनी समेत कई पदाधिकारियों के साथ यहां कालेज प्राचार्य डा. रमेश गर्ग के नाम वाइस प्रिंसिपल प्रो. अनुपमा को मांग पत्र सौंपा।
इस अवसर पर उनके साथ ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज संस्था के प्रदेश अध्यक्ष हंसराज सैनी, महिला इकाई से प्रदेश अध्यक्ष नीलम सैनी के अलावा संगठन की महामंत्री रेखा सैनी, प्रदेश सचिव योगिता सैनी, जिला अध्यक्ष कमलेश सैनी और संस्था के पुरुष इकाई के जिला अध्यक्ष पीसी सैनी भी मौजूद रहे।
नवीन गोयल ने कहा कि महान हस्तियों की प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। खासकर शिक्षा के मंदिरों में तो उनकी प्रतिमाएं होनी चाहिए। समाजसेविका के रूप में सावित्रीबाई फुले के जीवन का उद्देश्य महिलाओं की मुक्ति एवं छुआछूत मिटाना, महिलाओं का सशक्तिकरण, विधवाओं का विवाह करवाना, महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाना, कमजोर वर्ग की महिलाओं को शिक्षित करना रहा। इतिहास में दर्ज जानकारियों को सांझा करते हुए नवीन गोयल ने कहा कि सावित्रीबाई फुले की जब शादी हुई थी, तब तक वे पूर्ण रुप से अशिक्षित थी। ज्योतिराव फुले ने उन्हें घर पर ही शिक्षित किया। यानी महिला को शिक्षित करके आगे बढ़ाने के लिए तब भी बेहतरीन, सकारात्मक प्रयास हुए हैं। इतिहास में यह लिखा है कि जब ज्योतिराव फुले काम करने के लिए जाते थे, उसी बीच में भी अपनी पत्नी सावित्रीबाई तथा अपनी बहन सगुनाबाई श्रीसागर को पढ़ाते थे।
महिला इकाई से प्रदेश अध्यक्ष नीलम सैनी ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले की यहां प्रतिमा लगने से सैनी समाज भी गौरवान्वित होगा और शिक्षकों को भी गौरव की अनुभूति होगी। सावित्रीबाई फुले भारत की सबसे महान हस्तियों में से एक थी। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर के महाराष्ट्र तथा पूरे भारत में महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्हें मुख्य तौर पर इंडिया के फेमिनिस्ट मूवमेंट का केंद्र माना जाता था। सावित्रीबाई फुले बहुत ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्त्री थी। नवीन गोयल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण व शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई कार्य किये। 19वीं शताब्दी के समाज में कई रुढि़वादी कुरीतियों व प्रथाएं व्याप्त थी। इन सबका सावित्रीबाई ने पुरजोर विरोध किया।
प्रदेश अध्यक्ष हंसराज सैनी ने कहा कि टीचर ट्रेनिंग लेने के बाद में सावित्रीबाई फुले पूरे भारत की पहली महिला टीचर और हेड मिस्ट्रेस बन गई। ज्योति बाई फुले ने अपने पूरे जीवन काल में करीब 18 स्कूल खोले। उन्होंने गर्भवती, बलात्कार पीडि़तों के लिए भी बाल हत्या प्रतिबंधक गृह नामक केंद्र खोला। बच्चों को जन्म देने और बचाने में मदद की। उन्होंने दलित महिलाओं को हक दिलाने के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। ऐसी महिला के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए जरूरी है कि उनकी प्रतिमाएं हर शिक्षण संस्था में हों।