महाराज सेन जी ने जाति व धर्म से ऊपर उठकर कार्य किए: नवीन गोयल
–श्री सेन जी के पदचिन्हों पर चलकर समाज में लाएं बदलाव
-सभी महापुरुषों से समस्त समाज को लेनी चाहिए शिक्षा
गुरुग्राम। रविवार को राधा-कृष्ण मंदिर में सेन जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने संत शिरोमणि श्री सेन जी महाराज को नमन करते हुए उनकी शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया।
नवीन गोयल ने कहा कि संत सेन महाराज जी ने भक्ति के मार्ग पर चलकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप जनमानस को शिक्षा और उपदेश के माध्यम से एक सूत्र में पिरोया। उन्होंने कहा कि सेन समाज गुरुग्राम ही नहीं, देशभर में अपने कार्यों को महत्व देते हुए समाज सेवा के कार्य भी करता है।
इस अवसर पर सेन समाज की ओर से नवीन गोयल से मांग की गई कि गुरुग्राम में समाज के नाम पर एक मात्र धर्मशाला है। समाज के परिवारों के कार्यक्रम, अन्य सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करने में कठिनाई आती है। इसलिए एक और धर्मशाला गुरुग्राम में किसी भी स्थान पर बनवाने के लिए वे कदम उठाएं। इसके अलावा संत सेन जी महाराज की जयंती पर अवकाश भी होना चाहिए, जिससे कि समाज के लोग उनकी जयंती को मिलकर धूमधाम से मना सकें। नवीन गोयल ने समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि वे इस मांग को सरकार तक जरूर पहुंचाएंगे।
श्री गोयल ने महाराज सेन जी के जीवन के संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि श्री सेन जी महाराज प्रत्येक जीव में ईश्वर का दर्शन करते और सत्य, अहिंसा तथा प्रेम का संदेश जीवन पर्यंत देते रहे। महापुरुषों में शिरोमणि सेन जी महाराज का नाम विशेष रूप से जिक्र है। उन्होनें जाति व धर्म से ऊपर उठकर कार्य किए और सच्ची मानवता का संदेश दिया। उन्होंने स्वयं भी ग्रहस्थ जीवन का निर्वाह करते हुए धार्मिक कर्तव्यों का आजीवन पालन किया। सेन शिरोमणि सेवा, प्रेम, भक्ति व मधुर व्यवहार को संतों का प्रमुख लक्षण मानते थे। समाज में फैली कुप्रथाओं की आलोचना करते और उन्हें दोष पूर्ण बताकर समाज सुधार के लिए हर सम्भव प्रयास करते थे। उन्होंने सम्पूर्ण जाति को मानवता के प्रति सेवा भाव, दया, प्रेम और भक्ति की प्रेरणा तथा वह प्रेम मार्ग द्वारा ही ईश्वर को प्राप्त करना चाहते थे। धर्म व जाति के आधार पर किसी को छोटा बड़ा न मानकर सभी से समान रूप से प्रेम करना ही उनकी सबसे बड़ी साधना रही। उनके जीवन से जुड़ी बातों का जिक्र इतिहास के पन्नों में दर्ज है। इस अवसर पर प्रधान रमेश सेन, अनूप सेन, बलजीत सेन, महेंद्र सिंह, महेन्द्र नीमराणिया, सुभाष राणा, तेजवीर सेन, सुनील सेन, राकेश सेन, दीपचन्द नीमराणिया, महावीर सेन, जसवीर सेन समेत समाज के अनेक लोग मौजूद रहे।