-विश्व पर्यावरण दिवस पर किया जनता को जागरुक
-नवकल्प फाउंडेशन के साथ पक्षियों के लिए पार्क में लगाए घोंसले
गुरुग्राम। गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर नवकल्प फाउंडेशन के साथ मिलकर व्यापार प्रकोष्ठ भाजपा हरियाणा के प्रमुख नवीन गोयल ने कबीर पार्क में पक्षियों के लिए दाना-पानी घोंसले लगाकर प्रकृति बचाने का संदेश दिया। उन्होंने पर्यावरण शुद्धि के अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर नवकल्प फाउंडेशन के संस्थापक अनिल आर्य, रवि सिंगला, नीरज गुप्ता आदि मौजूद रहे।
पिछले 5 साल से नवकल्प फाउंडेशन की ओर से पक्षियों के लिए चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए नवीन गोयल ने कहा कि बेजुबानों के लिए यह काम प्रकृति के संरक्षण में बेहद लाभकारी साबित होगा। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि सभी अपने घरों में, सोसायटी में, कालोनी में, सडक़ों किनारे, पार्कों में पक्षियों के लिए घोंसले बनाएं इनका संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि हमारी प्रकृति में हर जीव-जन्तु, वन्य प्राणियों का महत्व है। हमारा जीवन इन सबसे जुड़ा है। नवकल्प फाउंडेशन के संस्थापक अनिल आर्य ने बताया कि पिछले पांच साल से नवकल्प पक्षियों के लिए दाना-पानी घोंसले पेड़ों पर लगाता आ रहा है। उनके इस कारवां में शहर की अनेक सोसायटी की आरडब्ल्यूए, सामाजिक लोग जुड़े हैं। अभी तक फाउंडेशन की ओर से पांच साल में 2500 से अधिक दाना-पानी घोंसले लगाए जा चुके हैं। इस साल अब तक 250 लगाए हैं।
नवीन गोयल ने बढ़ते जा रहे धरती के ताप व आसमान से गिर रही आग जैसी गर्मी को लेकर कहा कि हमें पेड़ लगाने के अभियानों को थमने नहीं देना चाहिए। इस प्रक्रिया जारी रहे, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोकर पर्यावरण के लिए स्थायी समाधान की बजाय तत्काल फायदे के लिए काम करते हैं। नवीन गोयल ने अहम जानकारी सांझा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार शहरी इलाकों में पेड़ हवा को 5 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा कर सकते हैं, जिससे एयर कंडीशनिंग की जरूरत 25 प्रतिशत कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि पेड़ों के कारण मिलने वाली प्राकृतिक ऑक्सीजन हमारे जीवन को लंबा कर सकती है। पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है। पर्यावरण हर किसी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
नवीन गोयल ने कहा कि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है। सभी मनुष्य, जानवर, पेड़-पौधे, मौसम, जलवायु सभी पर्यावरण के अधीन आते हैं। पर्यावरण न केवल जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है, बल्कि जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें भी प्रदान करता है। पूरी दुनिया में पर्यावरण खतरे में है। नवीन गोयल ने कहा कि वर्ष 2000 के बाद से सूखे की संख्या और अवधि में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगर ऐसा रहा तो वर्ष 2050 तक दुनिया की तीन-चौथाई से अधिक आबादी सूखे से प्रभावित हो सकती है। भारत समेत पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा।
नवीन गोयल ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। नवीन गोयल ने कहा कि प्रकृति आपातकालीन मोड में है। इस सदी में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए हमें 2030 तक वार्षिक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को आधा करना होगा। यह वैश्विक स्तर पर रखा गया है।